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News, history, and revolutionary thoughts.

भारत में वक्फ बोर्ड: मिथक और वास्तविकता

By Anurag

भारत में वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली, अधिकार और इससे जुड़े मिथकों की सच्चाई जानें। क्या वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को अधिग्रहित कर सकता है? पढ़ें पूरी जानकारी।

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फासीवाद और नवफासीवाद: एक विस्तृत विश्लेषण

By Anurag

फासीवाद और नवफासीवाद सत्ता के केंद्रीकरण, कट्टर राष्ट्रवाद, और दमनकारी नीतियों पर आधारित विचारधाराएँ हैं। यह लेख इनके ऐतिहासिक विकास, विशेषताओं और आधुनिक समाज पर प्रभावों का विश्लेषण करता है।

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इस बहस में कैसे उतरें ?

By Ved Priya

किन्हीं भी निष्कर्षों तक पहुंचने के लिए हम प्रायःक्या करते हैं? हम वस्तुओं / घटनाओं आदि का अवलोकन करते हैं। उनके व्यवहार एवं प्रभावों को समझने के लिए खोजबीन करते हैं। उनकी जांच -परख आदि करते हैं। उनकी हर संभव पड़ताल करते हैं ।उन पर और प्रयोग करते हैं ,आदि -आदि ।

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विज्ञानवाद से बचा जाए

By Ved Priya

विज्ञान के बारे में प्रायः यह कहने वाले मिल जाएंगे कि विश्व के बारे में ज्ञान प्राप्त करने का यही एकमात्र जरिया है। कुछ लोग ऐसा भी कह देते हैं कि विज्ञान का तरीका ही ज्ञान प्राप्त करने का सर्वाधिक अच्छा तरीका है। कुछ प्रसिद्ध दार्शनिकों ने ऐसा कहा है

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भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन ( I S C A) : भंवर में फंसी एक नाव

By Ved Priya

19वीं सदी के भारतीय नवजागरण के फलस्वरुप( विशेषकर 1857 की लड़ाई के बाद) विज्ञान के क्षेत्र में यदि कोई मील का पत्थर देखा जाए तो वह मिलेगा ' इंडियन एसोसिएशन फॉर दा कल्टीवेशन ऑफ़ साइंस ' की स्थापना। इसकी स्थापना 29 जुलाई ,1876 में डॉक्टर महेंद्र लाल सरकार द्वारा हुई थी। आरंभिक दौर में इसमें पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर ,श्री केसब चंद्र सेन ,श्री जगदीश चंद्र बोस, प्रोफेसर आशुतोष मुखर्जी जैसी महान हस्तियां जुड़ी थी। सर सी वी रमन के जुड़ने के बाद( 1907) तो इसका नाम विश्व की श्रेष्ठ संस्थानों में गिना जाने लगा ।इसमें प्रोफेसर एस एन बोस ,प्रोफेसर एम एन साहा, प्रोफेसर के एस कृष्णान, सरीखे महान वैज्ञानिकों का जुड़ाव रहा है। यह रॉयल सोसाइटी लंदन (1663) की तर्ज पर बनी एक स्वतंत्र शोध संस्था है

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12 फरवरी, जन्मदिन : महान वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन आज भी दुनिया में उत्पत्ति के सिद्धांत की बहस में ध्रुवतारे के रूप में अटल खड़े हैं

By Ved Priya

वेदप्रिय विज्ञान के इतिहास में बहुत सी दिलचस्प एवं महत्वपूर्ण बहसें या यूं कहें कि विवादित मुद्दे दर्ज हैं। इन बहसों का वैचारिक एवं दार्शनिक स्तर पर बहुत योगदान है ।कुछ बहसें ऐसी हैं ,जो वैज्ञानिकों के बीच मान्यताओं एवं सिद्धांतों को लेकर हैं ।ये वैज्ञानिक समझदारियों को आगे बढ़ा रही हैं

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क्या हिन्दू मुस्लिम से नफरत में खुद मुस्लिम बनते जा रहे हैं ?

By Anurag

भारत में हिंदू और मुस्लिम संघर्ष का इतिहास, राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं और धार्मिक प्रभाव का विश्लेषण। जानें कैसे राजाओं ने धर्म का इस्तेमाल कर जनता को प्रभावित किया और आज के समाज पर इसका प्रभाव।

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अरस्तू का दर्शन और ईसाई धर्म: तर्कशास्त्र का चर्च के साथ संघर्ष

By Anurag

अरस्तू के दर्शन को ईसाई धर्म में शामिल करने की कहानी और चर्च द्वारा तर्कशास्त्र के प्रति डर का कारण। जानें कैसे अरस्तू के विचारों ने ईसाई धर्मशास्त्र को प्रभावित किया और क्यों चर्च ने तर्क को खतरा माना।

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दैवीय नहीं, विज्ञान का चमत्कार हैं 19 वर्षों तक किडनी फेलियर के साथ किसी व्यक्ति का जीवित रहना

By Anurag

प्रेमानंद जी महाराज का 19 वर्षों तक किडनी फेलियर के साथ जीवित रहना आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की उपलब्धि है, न कि कोई चमत्कार। डायलिसिस और उन्नत चिकित्सा देखभाल ने यह संभव बनाया।

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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) : 28 Feb 2025

By Anurag

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल 28 फरवरी को डॉ. सी.वी. रमन की 'रमन प्रभाव' खोज की याद में मनाया जाता है। यह दिन विज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ाने, वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने और भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। 2025 की थीम "विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में भारतीय युवाओं का सशक्तिकरण" है।

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